एन.के.मिश्रा
मोहम्मदी ( लखीमपुर खीरी)।सरकार अक्सर ये दावा करती है कि जिले के अस्पतालों में दवाई मुफ्त और हर वक्त उपलब्ध रहती है।नगर में सीएचसी इन दावों का माखौल उड़ा रहा है।अगर आपको कुत्ता, बंदर, बिल्ली, भेड़िया, ऊंट या फिर गीदड़ काट ले तो एआरवी (एंटी रेबीज इंजेक्शन) लगवाने को सरकारी अस्पताल में इसका स्टॉक खत्म हो चुका है। जिसके चलते मरीज परेशान हो रहे हैं।
इंजेक्शन खत्म होने की सूचना अस्पताल में बाकायदा चस्पा कर दी गई है।वैसे तो अस्पताल में एआरवी का टोटा काफी दिनों से चल रहा है। लेकिन अस्पताल में इंजेक्शन लग रहे थे। पांच सितंबर की दोपहर को अस्पताल में भी एआरवी खत्म हो गई।
इंजेक्शन उपलब्ध कराने के बजाए स्वास्थ्य अधिकारियों ने अस्पताल की ओपीडी में एआरवी खत्म होने का नोटिस चस्पा कर दिया। बुधवार सुबह ओपीडी शुरु हुई तो मरीज इंजेक्शन लगवाने पहुंचे। लेकिन स्टॉक खत्म था। इसलिए इंजेक्शन नहीं लग सकता। कई महिलाएं तो यहां तैनात डाक्टरों को चार बातें सुनाकर उलझने को तैयार थीं। डाक्टर ने हाथ जोड़कर महिला मरीजों से किसी तरह पीछा छुड़ाया। कई मरीजों ने इंजेक्शन न लगने पर शोर-शराबा भी किया, जिनको समझाकर शांत किया गया। सरकारी अस्पताल में फ्री लगने वाला इंटरामशकूलर एक इंजेक्शन की कीमत 270 से 350 रुपये के बीच है। ये पांच इंजेक्शन लगवाने पड़ते हैं।