उपजिलाधिकारी गोला अखिलेश यादव व तहसीलदार गोला विपिन कुमार द्विवेदी के नेतृत्व में हुई कार्रवाई से अवैध कब्जेदारों में हडकंप।
एन.के.मिश्र
गोलागोकर्णनाथ, लखीमपुर-खीरी। तहसील गोला के सामने चारागाह की भूमि पर अवैध ढंग से काबिज पच्चीस दुकानों का सामान निकलवा कर सभी दुकानों को सीज कर दिया गया। इस कार्यवाही से हडकम्प मच गया।
जानकारी के अनुसार सरकारी भूमि पर अवैध कब्जा व कब्जेदारों पर कार्यवाही के बजाय उनको संरक्षण देने के तमाम मामले प्रकाशमय होने के बाद भी कार्यवाही ना होने के चलते सेंट्रल बार एशोसिएशन के अध्यक्ष लालबिहारी वर्मा के नेतृत्व में आंदोलन चल रहा था। शनिवार से आंदोलन तेज करने के ऐलान से तहसील गोला के उपजिलाधिकारी अखिलेश यादव व तहसीलदार विपिन कुमार द्विवेदी पुलिस के साथ अचानक हरकत में आ गए और सभी अवैध कब्जेदारों के खिलाफ सख्ती के साथ कार्यवाही चालू कर दी। जिसमें नोकझोंक के बाद पच्चीस दुकानों में मौजूद सामान निकलवा कर सीज कर दिया गया।गौरतलब हो कि तहसीलदार गोला के न्यायालय में पहले से चारागाह की गाटा संख्या 232, 233 का वाद विचाराधीन था। जिसके बावजूद पच्चीस दुकानें बन गई थी। इन अवैध कब्जेदारों के खिलाफ तमाम बार नोटिस भी जारी हुई पर मामला ठंडे बस्ते में पडा रहा। इस बीच अवैध कब्जा करने वालों ने दुकानों का निर्माण करवा कर अपनी दुकानें किराए पर उठा दी थीं। आज इन दुकानों से सामना हटवा कर तहसील प्रशासन ने सभी पच्चीस दुकानें सीज कर अपने कब्जे में ले ली हैं और धारा 67 के तहत मुकदमा दर्ज कराने व कब्जेदारों के खिलाफ वैधानिक कार्रवाई करने का निर्देश भी दिया है।दुकानों के मालिक अवैध कब्जेदारों में शकील, गौरीशंकर, विशाल गुप्ता, दाताराम, राजेंद्र कुमार, सरिता देवी आदि ने तहसील प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि उनकी बात न सुनते हुए दबंगई के साथ बलपूर्वक यह कार्यवाही हुई है।
इनका यह भी कहना है कि उनको कोई नोटिस न देकर कानून का मजाक उडाया गया है। इस मामले में तहसीलदार गोला विपिन कुमार द्विवेदी का कहना है कि दुकानों को सीज करने के बाद आगे धारा 67 के तहत कार्यवाही की जाएगी। उक्त गाटा संख्या में बने मकानों पर भी आगे कार्यवाही होने की खबर से हडकंप मचा हुआ है।