राम नरायन जायसवाल
गोण्डा। भारत रत्न पूर्व प्रधान मंत्री अटल बिहारी वाजपेई के जन्मदिवस के उपलक्ष्य में श्री लाल बहादुर शास्त्री महाविद्यालय गोंडा की राष्ट्रीय सेवा योजना की इकाइयों द्वारा प्राचार्य डॉ वंदना सारस्वत के संरक्षण एवं नोडल अधिकारी डॉ जितेंद्र सिंह के निर्देशन में कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें राष्ट्रीय सेवा योजना के छात्र-छात्राओं ने बढ़-चढ़कर सहभागिता की।
कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय शिक्षक संघ के महामंत्री एवं संस्कृत विभागाध्यक्ष डॉ मंशाराम वर्मा जी ने किया, उन्होंने पंडित अटल बिहारी वाजपेई के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए उनकी साहित्यिक रुचि, कवि हृदय एवं कुशल प्रशासक के रूप में स्मरण किया। वह दलगत राजनीति से ऊपर उठकर सर्वमान्य, सर्वस्वीकार्य, स्पष्ट वक्ता, स्वच्छ छवि वाले एवं सुशासन एवं पारदर्शिता में अटल विश्वास रखने वाले नेता के रूप में आज भी अविस्मरणीय हैं। अच्छे संपादक के रूप में उन्होंने राष्ट्रधर्म, पांचजन्य एवं अर्जुन जैसी पत्रिकाओं का संपादन किया, उन्होंने सामाजिक एवं राजनीतिक चर्चा में कविताओं के माध्यम से अपने विचारों का संप्रेषण कौशल दर्शाया।
कार्यक्रम अधिकारी डॉ अवधेश वर्मा ने अटल जी के राजनीतिक कौशल एवं ईमानदार छवि के लिए सर्वोपयुक्त उपाधि, भारत रत्न के योग्य उनके व्यक्तित्व को माना। कार्यक्रम अधिकारी डॉ लोहंस कल्याणी, अर्जुन चौबे, जगदंबा सिंह, शोध छात्र रांची विश्वविद्यालय एवं राम भवन प्रजापति ने अटल जयंती सप्ताह मनाए जाने के महत्व पर प्रकाश डाला।
अटल जी के काव्यकौशल पर प्रकाश डालते हुए वरिष्ठ कार्यक्रम अधिकारी डॉ. शिव शरण शुक्ल ने उनकी कविता की कुछ पंक्तियां उद्धृत किया, जैसे -काल के कपाल पर लिखता मिटाता हूं,। टूटे मन से कोई बड़ा नहीं होता, टूटे तन से कोई खड़ा नहीं होता। आगे भी उनके व्यक्तित्व पर प्रकाश डालते हुए स्वदेशी के प्रति अलख जगाने की उनकी ललक एवं प्रयासों की प्रशंसा की गई और उनको एक अच्छे पथ प्रदर्शक एवं अच्छे राजनेता के रूप में सिद्ध करते हुए उद्धृत किया गया, कि कुछ चलते हैं पद चिन्हों पर कुछ खुद ही पदचिन्ह बनाते हैं। इस कार्यक्रम में अभिजीत भारती, अतुल पांडे, शशिकांत, यश भारती, वंदना, यश भारती, संजीव कुमार, अमरनाथ, पूजा पांडे, अनिल गोस्वामी,दिव्या मिश्रा, प्रियव्रत शुक्ला आदि सैकड़ों स्वयं सेवकों ने सहभागिता की।