एन.के.मिश्रा
सिंगाही, लखीमपुर खीरी। गायों के प्रति योगी सरकार की संवेदनशीलता का ही नतीजा है कि राज्य में सरकार उनकी बनने के बाद से ही गायों की सुरक्षा, स्वास्थ्य और उनकी देखभाल के लिए कई फैसले लिए गए गौशालाये बनवाने के निर्देश दिए गए और बजट में अलग से इसके लिए प्रावधान किया गया। लेकिन फिर भी राज्य का शायद ही कोई ऐसा इलाका हो जहां से आए दिन गौवंशों के मरने की खबर ना आती हो वह भी भूख से मरने की।
राज्य सरकार ने गांव में गौशाला और शहरी इलाकों में पक्के आश्रय स्थल बनवाने के निर्देश दिए थे जिसके बाद ज्यादातर गौशाला बनकर तैयार हो गई किंतु आश्रय स्थलों में रहने वाली गाय चारे और पानी के अभाव में दम तोड़ दे रही हैं या फिर उन्हें बाहर ही घूमने के लिए छोड़ दिया जा रहा जिससे अन्ना पशु से पहले से परेशान किसान की स्थिति और भी भयावाह हो जाती है।
ऐसा ही एक मामला नगरपंचायत सिंगाही भेडौरा में सामने आया है, जहां बने पक्के आश्रय स्थल में एक गाय भूंखमरी का शिकार हो गयी है। आश्रय स्थल में रहरही गायों का न ही टाइम से पानी का कोई इंतजाम है और ना ही चारे का, गायों के आगे चारे के नाम पर सूखा भूसा डाल दिया जाता है हरे चारे का तो नामों निशान भी नहीं है। अगर नगर पंचायत में जिम्मेदार ऐसे ही सोते रहे तो आज की तरह हर दिन कोई न कोई गौवंश मृत मिलता रहेगा।