एन.के.मिश्रा
लखीमपुर खीरी। पांच महीने पहले सीमा सुरक्षा बल के सिपाही दीपेंद्र अवस्थी के आत्महत्या करने के मामले में बीएसएफ प्रशिक्षण केंद्र भोपाल के डॉक्टर और बटालियन कमांडेंट समेत पांच अधिकारियों के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने, षड्यंत्र रचने आदि धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस विभाग में न सुने जाने पर मृतक के पिता ने कोर्ट की शरण ली थी। फिर सीजेएम के आदेश पर कार्रवाई शुरू की गई।मोहल्ला रामनगर निवासी राजकिशोर अवस्थी ने दर्ज कराई गई रिपोर्ट में कहा है कि पुत्र दीपेंद्र अवस्थी का सीमा सुरक्षा बल में वर्ष 2017 में आरक्षी पद पर चयन हुआ था। उसे 41 बटालियन से संबद्ध कर ट्रेनिंग के लिए चंदूखेड़ी भोपाल मध्यप्रदेश भेज दिया गया। वहां एसआई रूम से ड्यूटी के दौरान एक सैनिक के चोटिल होने की सूचना दीपेंद्र ने प्रशिक्षण केंद्र के डॉ. अनूप कुमार (एमडी) को दी। रात में आने के कारण डॉक्टर अनूप कुमार दीपेंद्र पर काफी नाराज हुए और सैनिक को बाहर उठाकर फेंकने को कहा। दीपेंद्र ने ऐसा करने से इनकार कर दिया। इससे डॉ. अनूप कुमार अपने को अपमानित महसूस करने लगे और धमकी दी कि देखेंगे कैसे नौकरी करोगे। इस घटना के बाद पुत्र दीपेंद्र बीमार हो गया। उसे इलाज के लिए डॉ. अनूप कुमार के पास भेजा गया। डॉक्टर ने रंजिशन गलत इलाज शुरू किया, जिससे पुत्र की हालत बिगड़ने लगी। इस पर पुत्र को हमीदिया मेडिकल कॉलेज भोपाल भेजा गया। लेकिन यहां भी वह डॉ. अनूप की साजिश का शिकार हुआ। बाद में वह उसे घर ले आए और प्राइवेट इलाज में वह ठीक हो गया। बाद में वह स्वास्थ्य प्रमाण पत्र लेकर बटालियन पहुंचा और गलत इलाज की जानकारी उच्चाधिकारियों को दी। इससे नाराज होकर पासिंग आउट परेड के कुछ दिन पूर्व डॉक्टर ने उसकी गलत रिपोर्ट लगाकर बटालियन को भेज दी। इसे आधार बनाकर उनके पुत्र को 18 जुलाई 2020 को नौकरी से निकलवा दिया। इस मामले में बटालियन कमांडेंट अरुन कुमार की भी भूमिका ठीक नहीं रही। इससे घटनाक्रम से आहत होकर उनके पुत्र ने खुदकुशी कर ली। खुदकुशी करने के बाद राज किशोर अवस्थी काफी परेशान दिखने लगे राज किशोर अवस्थी की पीड़ा देखकर स्थानीय संगठनों व कई नौजवानों ने सोशल मीडिया पर दीपेंद्र के समर्थन में अधिकारियों के विपक्ष में पोस्टे भी की गई थी कई लोगों ने नाराजगी जताई थी।