दिव्यांग बच्चों के लिए किए जा रहे बेहतर प्रयासों की डीएम ने की सराहना
दिव्यांगों के लिए माध्यमिक शिक्षा स्तर के आवासीय विद्यालय हेतु शासन को भेजा जाएगा प्रस्ताव-डीएम
राम नरायन जायसवाल
गोण्डा ।सुप्रसिद्ध कवि नागार्जुन द्वारा रचित ऐतिहासिक पंक्तियों ‘‘फटी भीत है छत चूती है, आले पर बिस्तुईया नाचे। बरसा कर बेबस बच्चों पर मिनट मिनट में पाँच तमाचे, इसी तरह से दुखरन मास्टर गढ़ता है आदम के साँचे‘‘ को सुनाते हुए डीएम मार्कण्डेय शाही ने विशिष्ट छात्रों के लिए बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से किए शानदार प्रयासों की मुक्त कंठ से सराहना की।
मंगलवार को ब्लाक संसांधन केन्द्र करनैलगंज में बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से समेकित शिक्षा और समग्र शिक्षा अभियान के तहत 231 दिव्यांग बच्चों को निःशुल्क सहायक उपकरण प्रदान किए। सहायक उपकरण कार्यक्रम का शुभाम्भ डीएम श्री शाही ने बतौर मुख्य अतिथि किया। दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ करने के उपरान्त डीएम ने दिव्यांग बच्चों का स्वयं माला पहनाकर स्वागत किया तथा कहा कि सम्मान के असली हकदार ये दिव्यांग बच्चे हैं।
भारतीय कृत्रिम अंग निर्माण निगम कानुपर के सहयोग से आयोजित सहायक उपकरण वितरण कार्यक्रम में विशिष्ट श्रेणी के 231 बच्चों को उनकी जरूरत के मुताबिक उपकरण प्रदान किये गए जिसमें 11 ट्राईसाइकिल, 34 व्हीलचेयर, 04 बैसाखी, 06 सीपी चेयर, 67 एमएसआईडी किट, 76 श्रवण यंत्र, 08 ब्रेलकिट, 06 फोल्डिंग केन, 02 स्मार्ट केन, 12 रोलेटर, 02 एल्बोक्रच, 02 बे्रल स्लेट तथा 01 एडीएल किट दिए गये।
इस अवसर पर जिलाधिकारी ने कहा कि दिव्यांग बच्चों के प्रति हमारी नैतिक जिम्मेदारी है कि हम उन्हें हीनभावना से ग्रसित न होने दें बल्कि सामान्य बच्चों की तरह ही उन्हें बराबरी का दर्जा दें। उन्होंने कहा कि जिले के हलधरमऊ ब्लाक के तीन दिव्यांग बच्चों नें अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर ओलम्पिक मेें गोल्ड, सिल्वर व कांस्य पदक जीतकर जिले का मान बढ़ाया है तथा यह सिद्ध कर दिया है कि दिव्यांगता उनके लिए अभिशाप नहीं बल्कि वरदान है और वे किसी से कम नहीं हैं। उन्होंने स्पेशल एजूकेटर्स को निर्देश दिए कि वे लोग और अधिक परिश्रम करें तथा यह सुनिश्चित करें कोई भी दिव्यांग बच्चा स्कूल जाने से वंचित न रहने पावे।
जिलाधिकारी ने मण्डल स्तर पर दिव्यंागों के लिए माध्यमिक शिक्षा स्तर का आवासीय विद्यालय बनाए जाने हेतु शासन को प्रस्ताव भेजने की बात कही। उन्होंने निर्देश दिए कि दिव्यांग बच्चों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए लगातार मेडिकल चेकअप कराते रहें तथा गर्भवती महिलाओं का प्रसव पूर्व पर चेकअप करातेे रहें।
उपजिलाधिकारी करनैलगंज शत्रुघ्न पाठक ने कहा कि दिव्यांगता के कारण ये बच्चे अपना विजन और लक्ष्य निर्धारित नहीं पाते हैं। इसलिए हमारी यह नैतिक जिम्मेदारी बनती है ऐसे बच्चों को हर प्रकार का सहयोग करें।
सहायक निदेशक बेसिक शिक्षा/जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी विनय मोहन वन ने कहा कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत 06-14 वर्ष तक की उम्र के बच्चों को शिक्षा का अधिकार दिया गया है। इसी योजना के तहत वर्तमान में जिले में 6107 दिव्यांग बच्चे पंजीकृत हैं जिन्हें हर तरह की सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं। इस अवसर पर खण्ड शिक्षा अधिकारी आरपी सिंह ने अतिथियों का स्वागत पौधे व पुष्पगुच्छ भेंट कर किया तथा स्कूल की छात्राओं ने मिशन शक्ति से सम्बन्धित सुन्दर नाटक का प्रस्तुतीकरण किया। कार्यक्रम के उपरान्त डीएम ने बीआरसी परिसर में ही पौधरोपण किया। कार्यक्रम का संचालन जिला समन्वयक समेकित शिक्षा राजेश सिंह ने किया।
इस दौरान एसडीएम शत्रुघ्न पाठक, एडी बेसिक विनय मोहन वन, खण्ड शिक्षा अधिकारी आरपी सिंह, जिला समन्वयक एमडीएम गणेश गुप्ता, परसपुर विकास मंच के अध्यक्ष डा0 अरूण सिंह, एलिम्को से डा0 नीरज कुमार वर्मा व डा0 मनोज कुमार सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।