राम लखन वर्मा जीवन की सच्चाई से रूबरू कराते हुए पढ़ा – अतिथि बुरा है न सम्मान बुरा है। टिक जाये कई रोज तो मेहमान बुरा है।
मनकापुर ,गोण्डा। क्रिसमस डे और भूतपूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल विहारी बाजपेई के जन्म दिवस पर आई टी आई संचार विहार मनकापुर के कर्मचारी क्लब के मैदान में 25 दिसम्बर शाम को एक काव्य-गोष्ठी आयोजित की गयी। कवि ईश्वर चन्द्र मेहदावली की अध्यक्षता एवं गीतों के राजकुमार डॉ0 धीरज श्रीवास्तव के संचालन में हुई इस काव्य गोष्ठी की शुरूआत कवि ईश्वर चन्द्र मेहदावली द्वारा माँ वाणी की वन्दना कर की गई।
यह काव्य -गोष्ठी गजलकार, कलमकार और एक मशहूर शायरा इशरत सुल्ताना के संयोजन में आयोजित की गई। कवि गोष्ठी का संचालन कर रहे गीतों के राजकुमार डा0 धीरज श्रीवास्तव ने पढ़ा – गंगा मैली आजतक हुई न निर्मल धार। जबरन अपनी मूँछ बस ऐंठ रही सरकार। कवि एवं मीडिया प्रभारी राम लखन वर्मा ने जीवन की सच्चाई से रूबरू कराते हुए पढ़ा – “अतिथि बुरा है न सम्मान बुरा है,। टिक जाये कई रोज तो मेहमान बुरा है”। अवधी भाषा में श्रंगार रस के गीतकार चन्द्रगत भारती ने पढ़ा- बिंदिया के लसकारे तेरे, मेरे नैनो को छलते हैं। मशहूर गजलकार एवं शायरा इशरत सुल्ताना ने गजल पढ़ते हुए कहा- “बीमार है ईमान दवा क्यों नही देते। यूं जज्बयें ईमान जगा क्यो नही देते”। काव्य गोष्ठी की अध्यक्षता कर रहे कवि ईश्वर चन्द्र मेहदावली ने पढ़ा- आज आना था मगर वह नजर नही आया।
“शाम आयी है मगर हमसफ़र नही आया”। मनकापुर के कवि राम कुमार नारद ने संवेदनाए प्रस्तुत करते हुए अपनी रचना पढ़ी। कवि पंडित राम हौसिला शर्मा सहित कई कवियों ने अपनी रचनाएं पढ़ी। उपस्थित श्रोताओं ने गीत, छंद एवं गजलों का भरपूर आनंद लिया।
