एसपी सिंह / ज्ञान प्रकाश मिश्रा
करनैलगंज(गोंडा)। साहित्यिक संस्था बज्मे शामे ग़ज़ल की तरफ से एक काव्य गोष्ठी मोहल्ला नई बाजार में अहमद रजा के आवास पर आयोजित हुई।
जिसकी अध्यक्षता हाजी शब्बीर शबनम एवं संचालन याकूब सिद्दीकी अज्म गोंडवी ने किया। संरक्षक अब्दुल गफ्फार ठेकेदार ने आयोजन पर लोगों को मुबारकबाद दी। महामंत्री मुजीब सिद्दीकी ने कहा कि नई नस्ल को अहले बैत की अजमत और कर्बला की अहमियत बताना बहुत ही जरूरी है। कारी रियासत अली की तिलावत ए कुरान से कार्यक्रम का आगाज हुआ। तत्पश्चात कारी मासूम रजा ने नात पेश की। शायरों ने हजरत इमाम हुसैन और शहीदाने कर्बला की शान में कलाम पेश किए।शब्बीर अहमद शबनम ने पढ़ा- बूढ़े बच्चे सब के सब जामे शहादत पी गए, किस कदर फूला फूला था हाय गुलजार ए हुसैन।अनीश खान आरिफ़ी ने यू सलाम पेश किया- माहे रसूल मरकज ए दीदार ए औलिया, ए ख्वाबे बिराहीम के असरार अस्सलाम।
मौलाना ओवैस कादरी ने आह्वान किया- रंजो बला में सब्र का मंजर हो देखना, जा जिंदगी हुसैन की चौखट पर जा के देख।साबिर अली गुड्डू ने पढ़ा- हर जुल्म के खिलाफ ये उभरेगा हश्र तक तक, शब्बीर की रगों में लहू मुस्तफा का है।अजय कुमार श्रीवास्तव ने रोशनी की बात कही- अपनी हस्ती है मुनव्वर उस जिया से आज भी, समय हक रोशन है दिल में कर्बला से आज भी। साथ ही मुजीब सिद्दीकी, ताज मोहम्मद कुर्बान, नियाज कमर, मोहम्मद असलम बकाई, कासिम गोंडवी, सलीम बेदिल, महताब आलम, शकील सिद्दीकी, मुबीन मंसूरी, यासीन अंसारी, सलीम जहीन ने अपने-अपने कलाम सुनाएं। गोष्ठी में जकी बकाई, हाजी जहीर, कयूम सिद्दीकी, रमजान रायनी, आजम खान, मास्टर रजा, आफाक सिद्दीकी सहित तमाम लोग उपस्थित रहे।