एन.के.मिश्रा
निघासन, लखीमपुर खीरी। पिछली सरकारों की तुलना में बीजेपी ने सड़कों का कायाकल्प करने का जो घोषणापत्र में वादा किया था उसे कुछ हद तक पूरा भी किया है।
शहरों समेत हाई-वे व बाई-पास की सड़कों को दुरुस्त किया गया है, किंतु गांव की सड़को की हालत देखी जाए तो आज भी लोग हिचकोले खाकर अपने-अपने मुकाम तक पहुँच रहे हैं। क्षेत्र में स्टेट हाइवे से जुड़ी तकरीबन आधा दर्जन सड़के ऐसी हैं, जो दर्जनो गांवो को जोड़ती है यहीं सड़के गांव के लोगों को कस्बे, शहर की तरफ भेजती हैं मगर अफसोस कि आज के दौर में इन्ही बदहाल सड़कों पर चलने वाले लोगों को यह तक पता नही चल रहा है कि सड़क में गढ्ढे है या फिर गढ्ढे में सड़क है? बस भागती दौड़ती जिंदगी में बद्तर सड़को पर इंसान दौड़ता फिरता है। ऐसी कुछ सड़के निघासन स्टेट हाइवे पलिया मार्ग से जुड़ी हैं जिनमें शीर्ष पर लुधौरी गांव का मुख्य मार्ग है जो लगभग दर्जन भर गांवो को जोड़ती है।
इस सड़क पर कई गन्ना सेंटर भी है जहां से गन्ने से भरे ट्रक झूमते हुए निकलते है जिन्हें देखकर ग्रामीण क्षेत्र के लोग किनारे खड़े होकर ट्रक को सही सलामत विदा करते है और आह भरते है। ऐसी ही दुबहा गांव के आगे बरुही फार्म की सड़क है जो सिक्ख बाहुल्य इलाके से होकर गांवो तक पहुँचती इस सड़क की हालत भी अत्यंत दयनीय है जिसको लेकर कई बार किसानों ने एसडीएम से लेकर जिले तक सड़क को सुधरवाने के लिए मांग की पर नतीजा शून्य ही रहा है।