बी.के.ओझा
मनकापुर ,गोंडा। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर बाबा सिद्धेश्वर नाथ महादेव मंदिर पर मानस मंगल दल द्वारा एक कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता डॉक्टर सतीश आर्य एवं संचालन आरके नारद ने किया। वाणी वंदना राम लखन वर्मा ने किया कवित्री इसरत सुल्ताना ने नारियों के बारे में बताते हुए पढ़ा- नारी शक्तिमान है, मानवता की जान है।
मां बहन व बेटियां, गीता और कुरान है।। चंद्रगत भारती ने पढ़ा- जीवन तुझसे जीवन साथी, तुझसे ही तकदीर बनी है। राम लखन वर्मा ने नारियों को शुभकामना देते हुए पढ़ा- नारी के जीवन में गम की, परछाई ना हो। जीवन भर सास बहू में, कभी लड़ाई ना हो।। आर के नारद ने पढ़ा- हर घर की होती शान व सम्मान नारियां। परिवार का करती सदा उत्थान नारियां। सुप्रसिद्ध गीतकार डॉ सतीश आर्य ने मां की ममता पर कविता पढ़ते हुए कहा- आंखों में है उसे संजोए, सारा गांव गिराव मुझे स्वर्ग दिखता था जब, भी छूता मां के पांव।। कवित्री पूजा मन मोहिनी ने पढ़ा- बनकर सशक्त सबको अब दिखाएं नारियां। अंबर से चांद तारे तोड़ लाएं नारियां।।
प्रसिद्ध साहित्यकार डॉ धीरज श्रीवास्तव ने पढ़ा- झूल रही है फूल मती, झूला दुख की छांव। बैठी कजरी गा रही, किस्मत अपने गांव।। पारसनाथ श्रीवास्तव ने पढ़ा- प्रश्न के हम हल रहे हैं, कर्म पथ पर चल रहे हैं। इसके अलावा केदारनाथ मिश्रा, राजेश मिश्रा, उमाशंकर दुबे उदय, पंडित राम हौसिला शर्मा, उमाकांत कुशवाहा ने भी रचनाएं पढ़ें।