एन.के.मिश्रा
लखीमपुर खीरी।मिशन शक्ति व आत्मनिर्भर भारत अभियान के संयुक्त तत्वाधान में 15 दिवसीय फल एवं शाक- भाजी संरक्षण प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ महाविद्यालय में आज किया गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम की संयोजक डॉ. ज्योति पंत ने फल एवं शाक – भाजी संरक्षण के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला व बताया कि किस प्रकार ऐसे कार्यक्रमों में आर्थिक व सामाजिक रूप से महिलाएं अपने को सशक्त बना सकती हैं।कार्यक्रम के मुख्य प्रशिक्षक एवं जिला हॉर्टिकल्चर एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग के प्रभारी श्री राजेश पिप्पल ने बताया कि छात्र-छात्राओं द्वारा प्रसंस्करण प्रशिक्षण देकर कुटीर उद्योग आरंभ कर सकते हैं।
उन्होंने फल एवं साक-भाजी संरक्षण से जुड़ी विभिन्न योजनाओं के विषय में विस्तार से बताते हुए कहा कि इस वर्ष लखनऊ राजभवन में लगी फल व सब्जी प्रदर्शनी में लखीमपुर खीरी जनपद से प्रशिक्षित व्यक्तियों ने प्रथम व द्वितीय स्थान प्राप्त किया। प्रशिक्षणरत छात्र-छात्राएं भी अचार, मुरब्बा, मशरूम की कैंडी आदि का प्रशिक्षण प्राप्त कर अपनी भविष्य की कार्य योजना बना सकते हैं।डॉ. सुभाष चंद्रा ने कहा कि फल एवं मुरब्बा आज हमारी भोजन थाली का अभिन्न हिस्सा बन गए हैं।
ऐसे में आत्मनिर्भर भारत में अभियान के तहत विद्यार्थियों के लिए फल एवं शाक-भाजी प्रसंस्करण प्रशिक्षण रोजगार संभावनाओं के संदर्भ में उपयोगी होंगे।नीलम त्रिवेदी संयोजक ने मौसमी फल फूल व सब्जियों का संरक्षण करने की कला युवाओं को रोजगार देने में सहायता प्रदान करेगी। छात्र-छात्राएं अधिक से अधिक संख्या में लाभ उठाएं अपने अध्यक्षीय वक्तव्य में महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ.डी.एन. मालपानी ने बताया कि भारत में खाद्यान्नों की उपज के पश्चात खाद्यान्नों का 25% तथा फल व सब्जियों की 30 से 40 प्रतिशत भंडार के अभाव में नष्ट हो जाते हैं। यदि इन्हें नष्ट होने से बचा लिया जाए तो आर्थिक उन्नत में प्रगति होगी व रोजगार के अवसर बढ़ेंगे इस अवसर पर हलचल संरक्षण विभाग के सेवानिवृत्त प्रभारी श्री राम जी वर्मा ने फल व शाक – भाजी के संरक्षण को आज की आवश्यकता बताया तथा यह भी कहा कि छात्र-छात्राएं इसका प्रशिक्षण प्राप्त कर इसका रोजगार परक लाभ उठा सकते हैं। कार्यक्रम में मिशन शक्ति के सदस्य श्री दीपक कुमार बाजपेई असिस्टेंट प्रोफेसर अर्थशास्त्र विभाग तथा प्रशिक्षण लेने वाले छात्र/छात्राएं उपस्थित रहे।