अजय तिवारी (वरिष्ठ पत्रकार )
गोण्डा । कोरोना वैश्विक महामारी के कारण आज कजरीतीज सहित आगामी दिनों में पड़ने वाले अन्य त्योहारों जैसे मोहर्रम तथा गणेश उत्सव के दौरान सामूहिक पूजा अथवा कार्यक्रमों पर पूरी तरह प्रतिबन्ध है।
पृथ्वी नाथ मन्दिर 15 फुट ऊपर दिखता है और 64 फिट जमीन के नीचे है विश्व के महान शिव लिंगो में सुमार
इसके चलते जिले के दो प्रमुख शिवालयों नगर क्षेत्र अन्तर्गत दुःखहरण नाथ मन्दिर तथा विकासखंड रुपईडीह अन्तर्गत कस्बा खरगूपुर के निकट स्थिति पृथ्वीनाथ मन्दिर के कपाट आज बन्द रहे तथा दोनों मन्दिरों में कोरोना से बचाव के दृष्टिगत कजरीतीज के दिन जलाभिषेक नहीं हुआ। जिससे शिवभक्तों ने आज कोरोना वायरस से बचाव के दृष्टिगत अपने-अपने घरों पर शिवाराधना कर जलाभिषेक किया।
पृथ्वी नाथ मन्दिर
बताते चलें कि करनैलगंज सरयू नदी से प्रत्येक वर्ष लाखों शिवभक्त जल भरकर पैदल यात्रा कर बोलबम का उद्घोष करते हुए पृथ्वीनाथ व दुःखहरणनाथ मंदिर स्थिति शिवलिंग का जलाभिषेक किया करते थे।जिससे पूरा जनपद बोलबम के जयकारों से गुंजायमान हो जाता था।
पृथ्वी नाथ मन्दिर
लेकिन इस कोरोना संक्रमण काल में कोरोना वायरस से बचाव व सोशल डिस्टेन्सिंग मेनटेन करने के दृष्टिगत करनैलगंज सरयू घाट सहित अन्य ऐसे घाट व स्थल जहाँ से श्रद्धालु दोनों मन्दिरों मे जलाभिषेक के लिए जल लाते हैं, वहां पर पूरी तरह से प्रतिबन्ध रहा । जिससे शिवभक्तों ने अपने घरों पर ही शिव आराधना कर जलाभिषेक किया।
पृथ्वी नाथ मन्दिर
पृथ्वी नाथ मन्दिर के बारे में बताया जाता है कि ये सात खंडों का शिवलिंग है जो 15 फुट ऊपर दिखता है और 64 फिट जमीन के नीचे है विश्व के महान शिव लिंगो में सुमार है यहा कजरीतीज पर बहुत भारी मेला लगता है जिसमें पड़ोस देश नैपाल से तमाम श्रंद्धांलू जला भिषेक के लिए आते है यह शिवलिंग महाभारत काल में पाण्डवों द्वारा अज्ञात वास के दिनो में स्थापित की गयी थी।
दुःखहरण नाथ मन्दिर