एसपी सिंह / ज्ञान प्रकाश मिश्रा
करनैलगंज(गोंडा)। श्री श्याम रामलीला कमेटी के तत्वाधान शुक्रवार की शाम ग्राम पिपरी में आयोजित रामलीला के पहले दिन नारद मोह की लीला का मंचन हुआ। जिसमे दिखाया गया कि नारद मुनि हिमालय की गुफा में तपस्या कर रहे थे।
जिसे देख देवराज इन्द्र भयभीत हो उठे, उन्होंने सोंचा कि नारद मुनि अपने तपोबल से इन्द्रपुरी को अपने अधिकार में ले सकते हैं। इंद्र की आज्ञा से कामदेव और रंभा सहित अन्य अप्सराएं नारद का तप भंग करने का प्रयास किया मगर सफल नही हो सके। सभी ने देवर्षि के चरणों में गिरकर क्षमा मांगी। जिस पर नारद को घमंड हो गया, जिसे देख विष्णु जी ने शीलनिधि नामक राजा के राज्य की रचना कर उनकी पुत्री विश्वमोहिनी का स्वयंवर रचा दिया।
जिस पर मोहित होकर नारद जी श्री हरि से अपना रूप मांग लिया। श्री हरि ने उन्हें बंदर का रूप देकर स्वयंवर में भेज दिया। जहां अपमानित होकर नारद जी ने विष्णु जी को श्राप दे दिया कि हमारी तरह आप भी स्त्री वियोग में दर दर भटकोगे, तब बंदर ही तुम्हारी सहायता करेंगे। बृजेश कुमार अवस्थी, अंजनी कुमार दुबे, लवकुश पांडेय, सरोज अवस्थी, सोनू शुक्ला आदि मौजूद रहे।