प्रतापगढ सांसद संगम लाल गुप्ता एवं कौशांबी सांसद विनोद सोनकर ने लोकसभा स्पीकर से विशेषाधिकार हनन का लगाया था आरोप
राम नरायन जायसवाल
एनबीटी, गोण्डा। गोण्डा के नवागत जिलाधिकारी के रूप में तैनाती हुई मार्कण्डेय शाही विशेष सचिव, चिकित्सा शिक्षा की,वही गोण्डा जिलाधिकारी नितिन बंसल को प्रतापगढ़ स्थानांतरित किया गया है ।

नवागात जिलाधिकारी उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जनपद में जिलाधिकारी रहते हुए सांसद से विवाद को लेकर सुर्खियों में रहे मार्कण्डेय शाही ।श्री शाही भाजपा सांसद प्रतापगढ़ संगम लाल गुप्ता एवं कौशांबी विनोद सोनकर से हुए विवाद को लेकर सुर्खियों में रहे ।दोनों सांसदों ने श्री शाही के विरुद्ध लोकसभा अध्यक्ष को पत्र भेजकर विशेषाधिकार हनन का आरोप लगाते हुए कार्यवाही की मांग की थी ।अपने शिकायती पत्र में सांसदो ने आरोप लगाया था कि डीएम से मिलने के लिए भी सांसद प्रतिनिधि को घंटों इंतजार करना पड़ता है।

क्षेत्रीय समस्याओं के पत्र का न जवाब देते हैं, न कोई कार्रवाई करते हैं।अपने पत्र में कौशाम्बी से सांसद विनोद सोनकर ने लिखा है कि उनके द्वारा डीएम प्रतापगढ़ को क्षेत्रीय समस्याओं के बारे में भेजे गए अनुरोधों पर कोई ध्यान नहीं दिया जाता है। यह एक जन प्रतिनिध का अपमान है और विशेषाधिकार हनन का मामला बनता है।अनुरोध है कि कौशाम्बी संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले प्रतागपढ़ के डीएम मार्कण्डेय शाही के विरुद्ध सांसद विशेषाधिकार हनन प्रकरण में सदन की विशेषाधिकारी समिति से जांच कराई जाए और दोषी के विरुद्ध उचित कार्रवाई का निर्देश दिया जाए। इस मामले में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने राज्य सरकार को कार्रवाई करने का निर्देश दिया था।
डीएम रहते बिगडी पुलिसिंंग व्यवस्था को लेकर शासन को लिखा था गोपनीय चिट्ठी हुआ था एक्शन
प्रतापगढ़। DM Pratapgarh मार्कंडेय शाही ने जिले में तैनात तीन पुलिस अधिकारियों व छह इंस्पेक्टर की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए शासन को गोपनीय पत्र लिखा है। इसके आधार पर अपर पुलिस अधीक्षक अवनीश कुमार, पुलिस उपाधीक्षक अंजनी राय और जिलाजीत चौधरी को जिले से हटा दिया गया जबकि उन्होंने पांच थाना प्रभारी व एसआईटी के एक इंस्पेक्टर की भूमिका को संदिग्ध बताया है।
जानकारी के मुताबिक, पिछले दिनों प्रतापगढ़ में लगातार कई आपराधिक घटनाएं हुई थीं। इसके बाद DM Pratapgarh मार्कंडेय शाही ने गृह विभाग को एक गोपनीय रिपोर्ट भेजी। इसमें कुछ पुलिस अधिकारियों और इंस्पेक्टर को इंगित करते हुए कहा गया है कि समय से एफआईआर दर्ज न किए जाने, घटनाओं का सही खुलासा न होने और दबाव में फर्जी खुलासा किए जाने से अपराध की घटनाएं बढ़ रही हैं। इससे आम लोगों में पुलिस की नकारात्मक छवि बन रही है।
उन्होंने एसटीएफ के इंस्पेक्टर हेमंत भूषण सिंह के बारे में लिखा, इनकी शिक्षा-दीक्षा प्रतापगढ़ जिले में ही हुई है। बड़े-बड़े गिरोहों के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई न कराने में इनके प्रभाव व संरक्षण की जानकारी मिली है।