राम नरायन जायसवाल
गोण्डा ।उ0 प्र0 राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ व माननीय जनपद न्यायाधीश संजय शंकर पाण्डेय के निर्देश के अनुपालन में आज दिनांक-10.11.2020 को जिला कारागार, गोण्डा में विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन एवं निरीक्षण जिला विधिक सेवा प्राधिकरण गोण्डा के प्रभारी सचिव/सिविल जज (सी0डि0) रविशंकर गुप्ता द्वारा कोविड-19 वैश्विक महामारी से सम्बन्धित केन्द्र सरकार, राज्य सरकार एवं माननीय उच्च न्यायालय द्वारा जारी दिशा निर्देशों का अनुपालन करते हुए किया गया।
विधिक साक्षरता शिविर में निःशुल्क कानूनी सलाह के बारे में जानकारी देते हुए प्रभारी सचिव द्वारा बताया गया कि वर्तमान में न्याय सभी के लिए उपलब्ध है, न्याय पाने का सभी को समान अधिकार है। यदि कोई व्यक्ति अपना मामला न्यायालय में पेश करना चाहता है अथवा उसका कोई प्रकरण न्यायालय मंे लम्बित है तो उस व्यक्ति की गरीबी न्याय दिलाने में रूकावट नही होगीे। कोई भी व्यक्ति जो अनुसूचित जाति या जनजाति का सदस्य है, मानव दुव्र्यवहार या बेगारी से पीड़ित है, स्त्री या बालक है, मानसिक रूप से अस्वस्थ अथवा अन्यथा असमर्थ है, जातीय हिंसा, अत्याचार, औद्यौगिक कर्मकार आदि श्रेणी में आने वाले व्यक्ति हैं, तो निःशुल्क विधिक सलाह पाने के हकदार हैं।विधिक साक्षरता शिविर में बन्दियों को जमानत, अन्य विधिक अधिकारों तथा निःशुल्क विधिक सहायता के बारे में विस्तृत रूप से बताया गया। साक्षरता शिविर में उपस्थित बन्दीगण से उनके पास अधिवक्ता न होने पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को जिला कारागार अधीक्षक के माध्यम से प्रार्थना पत्र प्रस्तुत करने पर निःशुल्क पैनल अधिवक्ता की उपलब्धता सुनिश्चित करायी जायेगी।
बन्दीगण द्वारा जुर्म स्वीकार करने पर उसे समुचित न्यायालय में जुर्म स्वीकारोक्ति प्रार्थना पत्र प्रस्तुत करने हेतु निर्देशित किया गया। प्रभारी सचिव द्वारा निःशुल्क विधिक सहायता के सन्दर्भ में सांविधानिक उपबन्ध, दण्ड प्रक्रिया संहिता में वर्णित उपबन्ध व माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिये गये अद्यतन निर्णयों पर भी विस्तृत रूप से जानकारी दिया गया। इस अवसर पर जिला कारागार के वरिष्ठ जेल अधीक्षक शशिकान्त सिंह, जेलर दीपांकर भारती तथा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के लिपिक मुकेश वर्मा एवं अन्य कर्मचारीगण आदि उपस्थित रहे।