डाक्टर ओ.पी .भारती
ग़ोण्डा ।बेसिक शिक्षा विभाग के अध्यापकों के अंतर्जनपदीय स्थानांतरण में अवैध वसूली के मामले मेंं खंड शिक्षा अधिकारी वजीरगंज के निलंबन के बाद डीएम गोण्डा मार्कंडेय शाही सख्त तेवर में आ गए हैं।
श्री शाही ने सोशल मीडिया पर वायरल मैसेज को संज्ञान में लेते हुए जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय के कर्मचारियों सहित बीएसए गोण्डा की भूमिका को भी संदिग्ध मानते हुए जांच के आदेश दे दिए है। उन्होंने कहा कि 2 फरवरी को जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय पर अंतर्जनपदीय अध्यापक स्थानांतरण की रिलीविंग में भारी शांति व्यवस्था भंग होने की स्थित में कई मजिस्ट्रेट को मौके पर भेजा गया , जहां शिक्षक संगठन के पदाधिकारियों को रिलीविंग बांटते हुए पाया गया, जिससे उपस्थित अध्यापकों में रोष व्याप्त था। बीएसए गोंडा द्वारा किसी भी उच्च अधिकारियों को इसके लिए सूचित नहीं किया गया, जिससे जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी की भूमिका संदिग्ध प्रतीत होती है। साथ ही वायरल समाचार में जन्मेजय कनिष्ठ लिपिक जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय , विपिन श्रीवास्तव अकाउंटेंट सेवा प्रदाता, खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय वजीरगंज , विपिन मिश्रा अध्यापक , दिनेश शर्मा आयुष लिपिक जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय, खंड शिक्षा अधिकारी वजीरगंज ममता सिंह, तथा बीएसए इंद्रजीत प्रजापति भूमिका संदिग्ध बताई गई है । इस प्रकरण की विस्तृत जांच हेतु जांच समिति गठित की गई है ।
जांच समिति में जिलाधिकारी द्वारा अपर जिलाधिकारी राकेश सिंह, अपर पुलिस अधीक्षक शिवराज तथा एडी बेसिक विनय मोहन वन को जांच अधिकारी नामित किया है । जाँच समिति को 3 दिन के भीतर जाँच रिपोर्ट देने को कहा गया है।