राम नरायन जायसवाल
ग़ोण्डा ।स्वामी विवेकानंदजी आधुनिक भारत के एक महान चिंतक, महान देशभक्त, दार्शनिक, युवा संन्यासी, युवाओं के प्रेरणास्रोत और एक आदर्श व्यक्तित्व के धनी थे। भारतीय नवजागरण का अग्रदूत यदि को कहा जाए तो यह अतिशयोक्ति नहीं होगी।उक्त बात चन्द्रभान मेमोरियल उ0मा0 विद्दालय बराराय मल्लापुर मे स्वामी विवेकानन्द जी की जयन्ती राष्ट्रीय युवा दिवस के रुप मे मनाते हुये विद्दालय के प्रबन्धक सूर्य नरायन पाण्डेय ने कहा ।
पाण्डेय ने कहा भारतीय केंद्र सरकार ने वर्ष 1984 में युवा वर्ष मनाने का फैसला किया था। राष्ट्रीय युवा दिवस स्वामी विवेकानंद के जन्मदिवस (12 जनवरी) पर वर्ष 1985 से मनाया जाता है। भारत में स्वामी विवेकानंद की जयंती अर्थात 12 जनवरी को प्रतिवर्ष राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है।
‘उठो, जागो और तब तक मत रुको, जब तक कि अपने लक्ष्य तक न पहुंच जाओ।
भारतीय सांस्कृतिक चेतना में नई जान फूंकने वाले स्वामी विवेकानंद ने भारतीय युवाओं में स्वाभिमान को जगाया और उम्मीद की नई किरण पैदा की। भारतीय युवा और देशवासी भारतीय नवजागरण के अग्रदूत स्वामी विवेकानंद के जीवन और उनके विचारों से प्रेरणा लें। 4 जुलाई 1902 को बेलूर के रामकृष्ण मठ में उन्होंने ध्यानमग्न अवस्था में महासमाधि धारण कर प्राण त्याग दिए। 39 वर्ष के संक्षिप्त जीवनकाल में स्वामी विवेकानंद जो काम कर गए, वे आने वाली अनेक शताब्दियों तक पीढ़ियों का मार्गदर्शन करते रहेंगे।
इस अवसर पर रमाकान्त शुक्ला ,त्रिलोकी नाथ वर्मा ,भोला नाथ पाण्डेय,गुरुदेव शरण तिवारी ,आर्दश पाण्डेय आचार्य ,बहोली बाबा,विजय कुमार दूबेदी ,अखिलेश तिवारी,राम लाल यादव ,कृष्ण कुमार चौबे सहित विद्दालय के तमामो छात्र एवंं छात्रायेंं मौजूद रहे ।